बीजेपी के चैतन्य शर्मा और कांग्रेस के राकेश कालिया के बीच
किसकी होगी नैय्या पर,ओर कौन अटकेगा बीच मझधार
गग्रेट, दीपक जसवाल
जहा मौसम रोज करवट ले रहा है वही चुनावी मौसम में गर्माहट महसूस होना शुरू हो गई है कही न कही जहा लोग चिलचिलाती धूप में गेहूं की फसल काटने मे मशरुम है वही उप चुनाव प्रत्याशी लोगो के खेतो मे वोट मांगने पहुँच रहे है उपचुनाब व लोकसभा चुनावों को जहां मात्र 30 दीन का समय शेष बचा है वही प्रत्याशी अपनी नैय्या पार लगाने के लिए दिन रात एक कर रहे है एक प्रताशी ने तो हद कर दी है जो सुबह ,दुपहर शाम, व रात को भी लोगो से सम्पर्क करने में जुटा हुआ है लेकिन दूसरे प्रत्याशी का प्रचार अभी दूर दूर तक दिखाई नही दे रहा, हालांकि अगर गग्रेट विधानसभा क्षेत्र की बात करे तो यहाँ बीजेपी ने प्रत्याशी के तौर पर चैतन्य शर्मा को मैदान में पहले ही उतार दिया था जिसका लाभ लेने में वो कही न कही कामयाब होते हुए दिखाई भी दे रहे है वही कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी को चुनाव से लगभग 35 दिन पहले मैदान में उतारा है लेकिन स्वागत रैली के बाद कुछ खास एभी तक करते हुए नजर नही आ रहे है, जब तक कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित नही हुआ था तब तक समीकरण लोगो द्वारा कुछ और बनाए जा रहे थे लेकिन अब जब कांग्रेस ने पूर्व विधायक को ही चुनाव मैदान में उतारा है लोगो की बाते ओर नजरिया बदलता हुआ दिखाई दे रहा है, कुछ लोगो की माने तो कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले स्थानीय नेताओं की लंबी कतार लगी हुई थी और एक बात उन के द्वारा कही गई थी कि स्थानीय नेता को कांग्रेस पार्टी टिकट दे लेकिन उन सब की बाते व आशाएं धरि की धरी रह गई जब कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने उन को नजर अंदाज करते हुए फिर से कांग्रेस से बीजेपी मे गए और बीजेपी से फिर बापिस कांग्रेस मे आये पूर्व विधायक को टिकट से नवाज दिया। अब देखना ये है कि क्या जो कांग्रेस के नेता टिकट लेने की कतार में खड़े हुए थे वो पार्टी के सच्चे सिपहसालार बन कर कांग्रेस प्रत्याशी का इन उपचुनाब मे साथ देगे, या फिर उनमें से कोई आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में अपनी एकता को दिखाएगे। ये तो आने वाले समय पर ही निर्भर करता है हाँ लेकिन एक बात जरूर आप को बता दे ,जिस दिन कांग्रेस पार्टी ने पूर्व विधायक को उपचुनाब मे उतारने के लिए उन्हें टिकट देकर दिल्ली से गग्रेट भेजा था, उस दिन वो तम्माम टिकट चाहवान इस स्वागत रैली से दूरी बनाए बैठे हुए थे, अब जहा कांग्रेस पार्टी को ये चुनाव जीतना बहुत ज़रूरी है वही टिकट के चाहवानो को एक मंच पर लाना भी ज़रूरी है, हालांकि अभी तक किसी ने भी अपने पद से इस्तीफा नही दिया है और न ही किसी ने बागी रुख अपनाया है लेकिन राजनीतिक विशेषग्यो की माने तो अगर कांग्रेस पार्टी आलाकमान इनको मनाने अथवा एक मंच पर लाने में अगर सफल नही होती है तो यहां कांग्रेस की मुश्किलें ओर बढ़ सकती है क्योंकि एक तो प्रत्याशी की घोषणा देरी से की गई है वही अभी तक धरातल पर कांग्रेस पार्टी का कोई प्रचार प्रसार भी दिखाई नही दे रहा है
वही अगर बीजेपी प्रत्याशी व पूर्व विधायक गग्रेट चैतन्य शर्मा की बात करे तो कही ना कही वो इन सब मामलों में कांग्रेस से आगे निकलते हुए दिखाई दे रहे है जहां आलाकमान के कहने पर पूर्व विधायक व इस चुनाव में टिकट के प्रबल दावेदार राजेश ठाकुर ने खुले मंच से जहा चैतन्य शर्मा का साथ देने की बात कही है वही अन्य बीजेपी के टिकट पर गग्रेट से चुनाव लड़ने के चाहवान, चाहे वो मंजू जरियाल हो या लक्ष्मी जरियाल ये दोनों पहले दिन से ही पार्टी निर्णय के साथ खिड़ी दिखाई दी और हर मंच व कार्यक्रमो मे अपने समर्थकों के साथ पहुँच कर कार्यक्रम को सफल बनाने के प्रयास करती हुई दिखाई दी, हालांकि बीजेपी टिकट से चुनाव लड़ने के चाहवानो मे विश्व जीत सिंह पटियाल का नाम भी सबसे ऊपर चल रहा था वो अभी फील्ड में उतरते हुए दिखाई नही दिए है कुछ लोगो का कहना है कि वो पार्टी निर्णय के साथ है लेकिन व्यपार सम्भन्धित कारणों से व व्यस्त चल रहे है जल्द वो भी चुनाव प्रचार में उतरेंगे, वही इसी चुनाव क्षेत्र से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ने के इक्षुक जिला परिषद सदस्य सुशील कालिया भी थे उन्हें पार्टी ने गग्रेट उपचुनाब का सह प्रभारी नियुक्त कर दिया है जिस कारण अब वो चुनाव की रणनीति बनाने में जुटे है हम ने लगभग इन टिकट के चाहवानो से बात की है उनका कहना है कि जो पार्टी का निर्णय है वह मान्य है जो भी हमे दिशानिर्देश आये है हम उनकी पालना करते हुए बीजेपी प्रत्याशी के साथ कन्धे से कंधा मिलाकर खड़े है और निश्चित तौर से यहां से बीजेपी प्रत्याशी को जीता कर एक बार फिर विधानसभा भेजे गे, ओर 4 जून को हिमाचल में बीजेपी सरकार बनाएगे।