बद्दी,स्वस्तिक गौतम :-देवभूमि संघर्ष समिति ने बीबीएन में बाहरी विशेष समुदाय के लोगों के बसाए जाने पर उठाए सवाल एसडीएम बद्दी को ज्ञापन देकर संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान देने का किया आग्रह
शिमला के संजौली में मस्जिद विवाद के बाद अब औद्योगिक नगर बद्दी नालागढ़ से भी मिलती जुलती आवाज उठने लगी है। यहां क्षेत्र में बाहरी राज्यों के विशेष समुदाय के लोगों को सुनियोजित तरीके से बसाए जाने का मामला संज्ञान में आया है। इस मामले को लेकर देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने एक ज्ञापन पत्र एसडीएम बद्दी विवेक महाजन के माध्यम से सरकार को भेजा है। समिति ने कहा कि देवभूमि हिमाचल प्रदेश की पहचान एक शांतिप्रिय और सांप्रदायिक सद्भाव वाले सुंदर राज्य के तौर पर रही है। यहां सदियों से सभी समुदायों के लोग मिलजुल कर रहते आए हैं और एक दूसरे के सुख.दुख में शामिल होते हैं, लेकिन पिछले लगभग दो दशकों से हिमाचल की जनसांख्यिकी, डेमोग्राफी में शडयंत्रपूर्वक परिवर्तन करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इससे अनेक समस्याएं सामाजिक तनाव और झगड़े उत्पन्न हो रहे हैं।
समिति ने सरकार को अपना ध्यान इस ओर आकर्षित करने का आहवान किया है कि हिमाचल प्रदेश में बढ़ती बाहरी लोगों की संख्या के प्रति उचित कदम उठाया जाए, ताकि देवभूमि के गैर कानूनी गतिविधियों में बाहरी लोगों की संलिप्तता तथा हिमाचल के मूल चरित्र में परिवर्तन करने के प्रयासों को रोक कर हिमाचल को बचाया जा सके। समति के सदस्यों महेश कौशल,कुलबीर,चंदन, हर्ष व अन्य ने कहा कि दो दशकों के दौरान बाहरी राज्यों, विशेषकर उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग यहां लाकर बसाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के सांप्रदायिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्रों सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, शामली, बिजनौर और साथ लगता उत्तराखंड के तराई क्षेत्र से भी मुस्लिम समुदाय के लोग यहां आकर स्थाई रूप से बस रहे हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यहां षडयंत्र पूर्वक इन लोगों को बसाया जा रहा है। संभावित है कि आने वाले समय में इन सब से क्षेत्र को खतरा है।
बाहर से आकर यहां स्थाई रूप से बसने वाले मुसलमान संगठित होकर एक माफिया के रूप में कार्य करते हैं। यह लोग सरकारी एवं निजी भूमि पर अवैध कब्जे करके मस्जिद, मदरसा एवं अन्य निर्माण कर लेते हैं, जिन क्षेत्रों में इनकी अवैध गतिविधियां और निवास हैं, वहां बहन बेटियों के साथ अक्सर छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार के मामले सामने आते हैं। इसके अलावा गुंडागर्दी और स्थानीय लोगों के साथ मारपीट भी यह लोग करते हैं। चोरी, नशीली दवाओं की तस्करी एवं अन्य अपराधों में भी यह लोग संलिप्त रहते हैं। इस तरह के और कई मामलों की तरफ ध्यान आकर्षित करने संबंधित ज्ञापन पत्र देवभूमि संघर्ष ने सरकार को भेजा है।