ऊना ज्योति स्याल :-
“ब्रह्माकुमारीज के त्रिदिवसीय राजयोग शिविर से कैदियों को मिली जीवन की नई राह” ब्रह्माकुमारीज ऊना के द्वारा बनगढ़ जेल में कैदियों की लिए आयोजित त्रिदिवसीय राजयोग शिविर गुरुवार को संपन्न हुआ। इस शिविर में लगभग 200 से अधिक पुरुष कैदियों के साथ महिला कैदियों ने भी भाग लिया। प्रथम दिवस सभी को दिव्य गुणों और नैतिक मूल्यों के बारे में विस्तार से समझाया गया। द्वितीय दिवस आत्मा के बारे में तथा कर्मों के बारे में गहरी नॉलेज दी गई। आज इस जेल के अधीक्षक विश्वमोहन चौहान, उपमण्डाल दण्डाधिकारी ऊना ने शिवर के समापन की अध्यक्षता की।
आज इस त्रिदिवसीय शिवर के समापन पर बी के बबीता बहन ने सभी को अपने प्रेरक प्रसंगों के द्वारा आत्मा औरस परमात्मा के बीच के संबंध को स्पष्ट किया और सभी को परमात्मा से जुड़ने के लिए राजयोग करने का आह्वान किया क्योंकि बिना राजयोग के अपने भीतर की बुराइयों से मुक्त नहीं हुआ जा सकता। बीके अवधेश भाई ने प्रत्येक धर्म के लोग कैसे परमात्मा को एक मानते हैं, शिव और शंकर में अंतर, परमात्मा सर्वव्यापी नहीं है आदि ज्ञान की गूढ़ बातों को स्पष्ट किया। बी के आशा दीदी ने सभी बंदियों को राजयोग के द्वारा परमात्मा से मन को जोड़ने की विधि बताई एवं सभी को राजयोग का अनुभव भी कराया।
इस अवसर जेल के उपअधीक्षक जगजीत चौधरी ने कहा कि समाज के एक ऐसे वर्ग, जिसको सभी घृणित और नीची दृष्टि से देखते हैं, उनको ऊंचा उठाने की बात तो दूर कोई उनके बारे में सोचता भी नहीं है। ऐसे वर्ग के लिए भी ब्रह्मा कुमारीज का यह कार्यक्रम सराहनी है। मूल्य निश्चित समाज की स्थापना करने का इनका लक्ष्य बहुत ऊंचा है। और ज्ञान की जो गहरी बातें इन्होंने हम सभी को समझाई हैं, हम अवश्य ही उनको जीवन में धारण करेंगे।कार्यक्रम के अंत में सभी कैदियों ने नशा मुक्त रहने और सभी बुराइयों का त्याग करने का प्रण लिया और उनमें से अनेक कैदियों ने ब्रह्माकुमारीज के कार्यक्रम के लिए, इस शिविर के लिए दिल से धन्यवाद दिया और राजयोग का अभ्यास करते रहने का संकल्प लिया।
इस कार्यक्रम में ऊनकोफैड के चेयरमैन बीके राजेंद्र शर्मा , बीके कृष्ण आदि मौजूद रहे कार्यक्रम के अंत में सभी को प्रसाद एवं ज्ञानामृत पत्रिका का वितरण किया गया।